निवेश सलाहकार बैंक FD के बजाए Mutual Funds में निवेश करने की सलाह देते हैं. FD का पूरा फायदा लेने के लिए पूरा साल इंतजार करना पड़ता है और बीच में तोड़ने की नौबत आ जाए तो पेनाल्टी अलग से लग जाती है. इसलिए FD के बजाए किसी liquid fund में पैसा डालना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. पर किसी अच्छे liquid fund को चुना कैसे जाए? इस कैटेगरी में अच्छे लिक्विड फंड को चुनने से पहले किन पैमानों पर परखना चाहिए. जानने के लिए Mutual Fund मुकाबला का लेटेस्ट एपिसोड देखें.
म्यूचुअल फंड के कुछ प्लान आपको शॉर्ट-टर्म लक्ष्यों के हिसाब से कम जोखिम उठाकर आसानी से स्थिर रिटर्न प्राप्त करने का मौका प्रदान करते हैं.
इमर्जेंसी फंड बनाना इसीलिए जरूरी है. यह फंड किसी वितरीप स्थिति से निपटने में मदद करता है. मुश्किल समय में यह वित्तीय मुसीबत से बचाता है.
डेट फंड के साथ कुछ मिथक जुड़े हैं जो निवेशक को इनसे दूर रखते है. निवेशकों को डेट फंड के बारे में अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए और इसका फायदा लेना चाहिए.
आपातकालीन स्थिति में तुरंत काम आए ऐसा फंड बनाने के लिए FD, सेविंग अकाउंट और लिक्विड फंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है.
सर्वे में सामने आया है कि 40.2 फीसदी भारतीय युवा अब महामारी के दौर से पहले की तुलना में ज्यादा निवेश कर रहे हैं.
निश्चित आय वाले उत्पादों की तुलना में डेट फंड में उच्च प्रभावी रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता होती है.
Liquid Fund: अच्छे लिक्विड फंड को चुनने के लिए क्रेडिट रेटिंग, AUM, एक्स्पेंस रेशियो, लिक्विडिटी जैसे पहलू को ध्यान में लेना चाहिए.
पिछले 3 साल में फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स (FMPs) ने 10% से ज्यादा रिटर्न दिया है. दूसरी ओर, निवेशकों को मध्यम रिटर्न दे सकते हैं.
Emergency fund को या तो Savings account में रखना चाहिए या फिर इसे ऐसे साधनों में लगाना चाहिए यहां से आप आसानी से इस पैसे को वापस पा सकें.